परिकल्पना एवं उद्देश्य
परिकल्पना
शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित हस्तांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए;
उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने और क्षेत्र में गति निर्धारित करने के लिए; स्कूल शिक्षा, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचार को आरंभ करने और बढ़ावा देने के लिए।
उद्देश्य
1रक्षा तथा अर्धसैनिक बलों के कार्मिकों सहित केन्द्रीय सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा के एक समान पाठ्यक्रम के तहत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना ।
विद्यालयी शिक्षा को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुँचाना ।
2केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सी.बी.एस.ई.),राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी) जैसे अन्य शैक्षिक निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोगात्मकता तथा नवाचारों को प्रारम्भ करना और उन्हें बढ़ाना ।
3बच्चों में राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना विकसित करना ।
4भारत सरकार के स्थानांतरित होने वाले कर्मचारियों तथा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलायन होने वाली जनता और इसके अलावा देश के दूरवर्ती और अविकसित स्थानों में रहने वाली जनसंख्या के बच्चों के लिए विद्यालय अर्थात केन्द्रीय विद्यालयों की व्यवस्था करना, स्थापित करना, वित्तीय सहायता देना, नियंत्रण और रख-रखाव करना इत्यादि शामिल हैं । इसके साथ-साथ ऐसे सभी कार्य और सुविधाएं उपलब्ध करवाना और अन्य सभी कार्य जो ऐसे विद्यालयों को संचालित करने के लिए आवश्यक हो ।
प्रमुख बिंदु
सभी केन्द्रीय विद्यालयों के लिए एक जैसी पाठ्यपुस्तकें तथा द्विभाषी (हिन्दी तथा अंग्रेजी) शिक्षण का माध्यम है ।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सभी केन्द्रीय विद्यालय संबद्ध हैं ।
सभी केन्द्रीय विद्यालय सह-शिक्षा एवं मिश्रित विद्यालय हैं ।
कक्षा VI से VIII तक संस्कृत भाषा पढ़ाई जाती है ।
उपयुक्त शिक्षक- विद्यार्थी अनुपात द्वारा शिक्षण की गुणवत्ता को श्रेष्ठ बनाए रखा जाता है ।
कक्षा 8वीं तक के सभी छात्रों, कक्षा 12वीं तक की सभी छात्राओं, अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों, केविसं के कर्मचारियों के बच्चों से कोई ट्य़ूशन फीस नहीं ली जाती है ।